MERI DHARTI MERE LOG
सोमवार, 27 दिसंबर 2010
hisab jindgi ka
रिश्तो ने बना ली है अपनी बैलेंस शीट
संबंधो का तलपट मिलन नहीं करता
उलझ गई है विस्वास की सारी खतोनिया
इसलिए मैं जिन्दगी का हिसाब नहीं करता
1 टिप्पणी:
Sumit Purohit
4 मार्च 2011 को 9:06 pm बजे
badhia hai........likhte rahiye......
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