शनिवार, 26 मार्च 2011

गोरो रा दूहा

गोरा आया गाँव में मच गई रेलम पेल
होटलिया हुरदंग करे ज्यो होली रो खेल

घर घर खुल गी होटलों हो रही ढोलम ढोल
रिश्ता हो गया बावला नाता पोलमपोल

कविताओ काला करे अर भोला भने किताब
गोरो री करो गाइडिंग पूरा कर लो खवाब

भनियोरा भुजिया तले अनभानियो रे ठाठ
परनिजे झट गोरियो मायत जोवे बाट

मरघट माहि भीर है गोरा है चहु दिस
मैयत में हँसता फिरे करो पया थे रीस

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