गोरो रा दूहा
१
गोरा आया गाँव में मच गई रेलम पेल
होटलिया हुरदंग करे ज्यो होली रो खेल
२
घर घर खुल गी होटलों हो रही ढोलम ढोल
रिश्ता हो गया बावला नाता पोलमपोल
३
कविताओ काला करे अर भोला भने किताब
गोरो री करो गाइडिंग पूरा कर लो खवाब
४
भनियोरा भुजिया तले अनभानियो रे ठाठ
परनिजे झट गोरियो मायत जोवे बाट
५
मरघट माहि भीर है गोरा है चहु दिस
मैयत में हँसता फिरे करो पया थे रीस
शनिवार, 26 मार्च 2011
hindi hindu hindustan
हिंदी हिन्दू हिंदुस्तान इन तीनो का कही न मन
होता इनका नित अपमान हिंदी हिन्दू हिंदुस्तान
हिंदी वाले मार हैं खाते जगह जगह हैं इसे सताते
अंगेरजी के चरण चुमते हिंदी के परदे फट जाते
अपने ही घर में बेगानी हिंदी की नहीं कोई शान
हिन्दू की भी अजब कहानी सभी जगह हैं आना कानी
इस नाम से सभी कतराते फिरका परस्त इसे बतलाते
छिपाते सभी अपनी पहचान हिन्दू धरम का नहीं अभिमान
हिंदुस्तान हैं नाम ही खोटा धमकाता हर छोटा मोटा
दुनिया सारी में पिटता हैं अपने घर में भी लुटता हैं
निकल गए सारे अरमान हिंदी हिन्दू हिंदुस्तान
होता इनका नित अपमान हिंदी हिन्दू हिंदुस्तान
हिंदी वाले मार हैं खाते जगह जगह हैं इसे सताते
अंगेरजी के चरण चुमते हिंदी के परदे फट जाते
अपने ही घर में बेगानी हिंदी की नहीं कोई शान
हिन्दू की भी अजब कहानी सभी जगह हैं आना कानी
इस नाम से सभी कतराते फिरका परस्त इसे बतलाते
छिपाते सभी अपनी पहचान हिन्दू धरम का नहीं अभिमान
हिंदुस्तान हैं नाम ही खोटा धमकाता हर छोटा मोटा
दुनिया सारी में पिटता हैं अपने घर में भी लुटता हैं
निकल गए सारे अरमान हिंदी हिन्दू हिंदुस्तान
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